जमाने से नही तो तनहाई से डरता हू,
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हूं,
मिलनेकी उमंग बहोत होती है दिलमें,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हूं ।
तुम मुझे भुल कर तो देखो,
हर खुशी रुठ जाएगी,
जब अकेले तुम बैठोगी,
खुद-ब-खुद मेरी याद आएगी.
इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दिवने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
तो उसके होठॊंसे वक्त ना होनेके बहाने निकले ।
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ॥
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है ॥
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है ॥
सौ बेवफाई कबूल है एक वफाई के लिये,
सौ ऑसू कबूल है एक मुस्कूराहट के लिये,
हम तो मोहताज है आपके प्यार के लिये,
सौ दुश्मन कबूल है आपकी दोस्ती के लिये ।
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हूं,
मिलनेकी उमंग बहोत होती है दिलमें,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हूं ।
तुम मुझे भुल कर तो देखो,
हर खुशी रुठ जाएगी,
जब अकेले तुम बैठोगी,
खुद-ब-खुद मेरी याद आएगी.
इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दिवने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
तो उसके होठॊंसे वक्त ना होनेके बहाने निकले ।
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ॥
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है ॥
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है ॥
सौ बेवफाई कबूल है एक वफाई के लिये,
सौ ऑसू कबूल है एक मुस्कूराहट के लिये,
हम तो मोहताज है आपके प्यार के लिये,
सौ दुश्मन कबूल है आपकी दोस्ती के लिये ।