Friday, December 2, 2011

हिंदी शायरी 4


हमे जिंदगी से कोई शिकवा नही,
कोई गिला नही की वो हमको मिला नही,
जिने के लिये उनकी यादो का सहारा बहोत है,
कोई गम नही जो वो दो कदम साथ चला नही।


कभी इस तरह मेरे हमसफर,
सभी चाहते मेरे नाम कर,
अगर हो सके तो तु कभी,
मेरे नाम भी कोई शाम कर।


याद दिलसे जाने ना देंगे,
तेरे जैसा आशिक खोने ना देंगे,
शराफत से कॉंटॅक्ट मे रहना,
वर्ना कान के निचे देंगे और रोने भी ना देंगे ।


घायल किया जब अपनो ने, तो गैरो से क्या गिला करना,
उठाये है खंजर जब अपनो ने, तो जिंदगी की तमन्ना क्या करना ।